Compositor: Anuv Jain
आजा, मेरी जान-ए-जान, तेरे बिना हूँ मैं क्या भला?
यारा, अब आ भी जा, आजा न
मेरी इन बाहों में तेरी ही तो है जगह
जाना, अब मान जा, आजा न
जरा सा तू मुस्कुरा, धीरे-धीरे नज़दीक आ
तेरे बिन अब जिया जाए न
एक कांच की तरह बिखरा-बिखरा हुआ
और चुभते हैं ये टुकड़े दिल म
बरसातों में यहाँ मेरा घर अब है सज
भीगी-भीगी नम आँखों स
तू ही मेरी इल्तिजा, तू ही मेरा है खुमार
आजा, तेरे होंठों को चूम ल
हाथों की लकीरें मिटे ना मिट सकी ह
बस कुछ इस तरह प्यार मेर
अकेला रह गया मेरे दिल का आशियान
ये टूटा दिल लगाऊँ किस से?
मेरी बातों में तू है, यादों में भी तू ह
तू मेरे दिल की हर दुआ सद
किसी दिन तुझको, जाना, प्यार याद आएग
तुझको रुलाएगा, हँसा जाएग
ये मेरा दिल है, जाना, तेरे बिन जल जाएग
तेरे बिन जल जाए जह
मेरा वादा है ये तुझसे, तेरे बिन मर जाऊँग
फिर तुझे याद आऊँगा, जान मेर