Compositor: Anuv Jain
हौले से, धीरे स
मुझको बाहों में भर लो ना तुम
नर्म सी सांसों म
मुझको आहों में भर लो ना तुम
सुन जरा, मेरे पास आ
अब बैठे हैं हम भी यह
दिल के दरमियान
बारिशें हैं, बारिशें ह
तेरी ही बातों पे मैंने सजा ली है दुनिया यह
दिल के दरमियान
बारिशें हैं, बारिश
अब तू आती है, बुलाती ह
बिस्तर से यूँ गिराती ह
के सोऊं मैं बाहों में बस तेर
हाँ, जब बारिशें बरसती ह
पागल जैसे थिरकती ह
तुम जैसी हो बस वैसी ही रह
अब तेरे बिना यहाँ मेरी सांस
जैसे बिना निंदिया की रातें हैं त
और तू ही मेरे दिल की रज़ा ह
तेरे बिना दिल भी खफा है त
तेरी आँखों का काजल ना फैले अब कभी भ
तुझे इतना प्यार दूं, ह
तेरी खुशियों की खातिर ये दुनिया में मेर
एक पल में वार दूं म
अब बिखरी तेरी ये ज़ुल्फ़ों से आँखें तेरी जब दिखती ह
दिखता है मुझे वो आसमान
कि खोलूं पंख मैं मेरे, उड़ जाऊं मैं, खो जाऊं म
इस आसमान में पतंगों की तरह, ह